देख चित्र तुम्हारा मोहन राधा नैन मेघ श्याम छाए ।। होवे बरखा रिमझिम रिमझिम, भीगी ना राधा भीगा श्याम जाए ।। भोर भई लूं मन अपना जग से जोड़, क्या करूं उस क्षण रे कान्हा, जब शाम हो रंजित श्याम आए।। विरह छाए घनघोर घने नृत्य करे अश्रुमोर, जो रूठी राधा रणछोड़ से, फिर राधा मनाने श्याम आए ।। देखा स्वप्न सहसा बंध रही बंधन की डोर, सुलादो सैकड़ों सदियां, टूट स्वप्न न श्याम जाए ।। तेरा जाना सांवरे मन निधिवन गया उजाड़, खिले पुष्प अब तब ही, जब भंवरा श्याम आए ।। तुझे ढूंढने को घूम दिए मंदिर कंदरा पहाड़, जो खोजा आप में, दर्श देने को श्याम आए ।।
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